दो असेगाव की पीड़ित महिला जिनका केस ४ साल से मंगरुलपिर कोर्ट में चल रहा खावटी महिला अत्याचार प्रतिबंधक कायदा व ४९८ की प्रकरणे शुरू है अइसे में बड़ी बहन कोर्ट में अपनी छोटी बहन के साथ कोर्ट में पूछने के लिए जाती है के वकील मारूफ़ खान के पास के हमने जो बांड लिख कर दिया था वो तुमारे पास है तल्लाक का वो मुझे दो मुझे अभीतक इंसाफ नहीं मिला तो मारूफ़ खान साहब समझाने के बजाय उनका अपमान करते है उनका बुरखा खेचके लोट देते है गाली गलोच देते है और वही दोनों बहने पोलिस स्टेशन में१.३०बजे रिपोट देते है शाम के ६ बजे तक वो दोनों बहने सीसी कैमरे के नजर आते है और बादमे वही वकील अपने आप को बचाने के लिए अपणा झूट छुपाने के लिए उनके सामने थानेदार साहब के सामने अपनी झूटी रिपोट देता है और २ बहनो पर ३९२ ३४ याने डकैती की केस दर्ज करता है क्या उन लड़कियो में इतनी हिम्मत थी के वो वकील मारूफ़ खान का कोर्ट में कालर पकड़कर और उनकी जेब से ५०० के छे नोट याने ३००० हजार रूपये निकाल सके इतना सफ़ेद झूट और वो भी औरतो पर बहोत जल्दी ये झूट सबके सामने आने वाला है बेनकाब होने वाला है मै जनता से और वकीलो से ये पूछना चाहती हु के क्या दिनदिवाले कोर्ट के अंदर या बाहर हम गरीब मासूम महिला डकैती जैसा काम कर सकती है इसका जवाब उन वकीलो से और जनता से मै पूछना चाहती हु क्या ये हम महिला पर अत्याचार नहीं है हमें इंसाफ चाहहिये और संघटना बार असोसिएशन से भी पूछना चाहती हु के हम दोनों बहनो को जमानत लेनेके लिए कोई वकील तैयार नहीं कहा जाये हम इंसाफ के लिए हमारे जमानत के लिए मारूफ़ खान ने सबको रोक दिया क्या हम बेगुनाह बहनो को जेल में जाना पड़ेगा
कानून का रक्षक ही कानून का भक्षक
• ANVAR SHIDHIQI